हर घर की एक दास्ताँ होती है, एक व्यक्तित्व होता हैजो उसकी दीवारें बयान करती हैं, उसका छत बतलाता हैखिड़कियाँ झांकती हैं, खुशियों की आंखमिचोली मेंदरवाज़ें तोमर से स्वागत करते हैं। घर जो बच्चों की हंसी से निखरता है,परस्पर प्रेम से पनपता हैत्योंहारों में सजता है, छुट्टियों में ऊंघता हैअपनी आशाओं, अपने आसमान से गूंजताContinue reading “घ- घर-हिंदी कविता – A2Z”