जो किस्से वो सुनाती थी, जो क़द्रें वो सुनाती थीचन्दन और पानी सी पुष्पित पल्लवित लगती थींजो लज़ीज़ बातें वो सुनाती थी, उनकी खुशबू घर कर जाती थींउसकी साड़ी का आँचल, मोह ममता का समावेश थागुलमोहर के पत्तों सी बारीक उसकी गीली हंसीमेरी आख़री तमन्ना सी अनमोल थीएक ताज़ा लिपे पुते आँगन की तरह वोContinue reading “माँ, तुम्हारे चले जाने से !”
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मेरी मम्मा- हिंदी कविता- श्रद्धांजलि
सुंदरता और सादगी की साड़ी बाँधेभोर की उजली चमक अपनी चोटी में साधेवात्सल्य की किरने ओढ़ेप्यार की मुस्कराहट में दमकती थीऐसी थी मेरी मम्मा रोज़ एक आशा सजा के रखती थीमुखमण्डल पर संतुष्टि की आभा सजा के रखती थीएक परवरिश जो हर पल गौरान्वित करेउसकी सच्चाई, नूर बनके टपकती थीऐसी थी मेरी मम्मा उसकी लिखाई,Continue reading “मेरी मम्मा- हिंदी कविता- श्रद्धांजलि”